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हम ने सीएमसी भेलौर एवं एम्स जैसे अस्पताल को बोकारो-धनबाद क्षेत्र में लाने का अभियान चला रखा है । इस अभियान को लोग पुरजोर समर्थन कर रहे हैं।

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ADVANCE LIFE SUPPORT AMBULANCE

2013-2014 में मेरे पिताजी को हार्ट अटैक आया था और उनको बोकारो जनरल अस्पताल में तत्काल भर्ती होना पड़ा था। डॉक्टर ने कहा कि उनको गंभीर दिल का दौरा पड़ा है एवं अगले 72 घंटों तक कुछ कह नहीं सकते। हालत ये था कि कोई लाईफ सपोर्ट एंबुलेंस नहीं था इतने बड़े अस्पताल में जिससे की मैं अपने पिताजी को कहीं अन्य जगह ले जा सकता।

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बोकारो में एम्स एवं सीएमसी भेलौर को लाना है। भारत का न० 1 हेल्थ एवं शैक्षणिक शहर बनाना है।।

हम सभी जानते हैं यहाँ हर तीसरे परिवार या परिवार के कोई ना कोई रिश्तेदार को ईलाज के लिए भेलौर जाना पड़ता है। जिनके पास पैसा हैं वो बड़े शहर के नामी ग्रामी अस्पताल में ईलाज करवाते हैं एवं अच्छा खासा पैसा खर्च करने के बाद भी यदि सही एवं संतुष्टिजनक ईलाज नहीं मिलता है तो उनको भी एम्स (AIIMMS ) दिल्ली या भेलौर ही जाना पड़ता है। हमारे झारखण्ड में स्वास्थ्य सुरक्षा एवं सुविधा की क्या व्यवस्था है यह सर्वाविदित है।

01.

हम सामान्य ईलाज के लिए भी देश के बड़े शहरों में जाते हैं और अगर वहाँ भी समुचित ईलाज नहीं मिलता है तो हमें भेलौर या दिल्ली के एम्स (AIIMS) ही जाना पड़ता है। बड़े शहर के प्राइवेट अस्पताल में ईलाज कराना एवं उनका खर्चा वहन करना हम जैसे सामान्य वर्ग के लोगों की बस की बात नहीं है।

02.

भेलौर मात्र एक अस्पताल का नाम नहीं है बल्कि भेलौर जनमानस के लिए समुचित ईलाज की व्यवस्था की विश्वसनीयता का प्रतीक है। सच सही एवं ईमानदार ईलाज एवं सेवा भावना के लिए जाना जाता है। यह देखा गया है कि भेलौर जाने वाले 10 लोगों में से 7 लोगों का ईलाज मात्र सही जाँच एवं डॉक्टर की उचित सलाह से ही ठीक हो जाता है। मात्र 3 लोग हैं जिनकी समस्या गंभीर होती है एवं उन्हें (Intensive care) गहन देखभाल या (Critical Care) नाजुक देख-देख एवं भर्ती होकर ईलाज की जरूरत पड़ती है।

03.

कम से कम अगर सही जांच एवं डॉक्टर की उचित सलाह की व्यवस्था यदि हमारे यहां हो जाती है तो 10 में से 7 लोग भेलौर जाने से बच जाएंगे। और यदि भेलौर जैसी सारी सुविधाओं वाली अस्पताल हमारे यहाँ बन जाता है तो हमें कहीं भी जाने की जरूरत नहीं होगी। भेलौर के हमारी झारखण्ड में आने से न ही सिर्फ झारखण्ड के लोग लाभान्वित होंगे बल्कि बिहार, बंगाल एवं उड़ीसा के लोग भी इसका लाभ उठा पाएंगे।

04.

बोकारो पहले से ही स्वच्छ, सुव्यवस्थित शहर के रूप में जाना जाता है। एक समय था जब बोकारो का अस्पताल बिहार, झारखण्ड में ईलाज के लिए सर्वोत्तम जाना जाता हैं आज उसकी हालत क्या है यह सर्वविदित है कहने की जरूरत नहीं है। और सबसे बड़ी बात की बोकारो हवाई सेवा से भी जुड़ा हुआ है और जैसी जानकारी मिल रही है बहुत जल्द एयरपोर्ट से यात्री उड़ान की सेवा शुरू होने जा रही है।

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श्री संजीव सिंह जी ने सीएमसी भेलौर एवं एम्स जैसे अस्पताल को बोकारो-धनबाद क्षेत्र में लाने का पोस्टकार्ड अभियान चला रखा है । लोग इनके अभियान का पुरज़ोर समर्थन कर रहे हैं। 

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अच्छे स्वास्थ सुविधा के लिए

जब बोकारो में एम्स एवं सी.एम.सी जैसे अस्पताल आ जायेंगे, तो हमे इलाज के लिए दूसरे शहर नहीं जाना पड़ेगा।

Advance Life Support Ambulance

जब संजीव सिंह जी के पिता जी, बोकारो जनरल अस्पताल में भर्ती हुए तो कोई लाईफ सपोर्ट एंबुलेंस नहीं था इतने बड़े अस्पताल में जिससे की वें अपने पिताजी को कहीं अन्य जगह ले जा सकते। ऐसा समस्या और किसी के साथ नहीं आये। इसके लिए संजीव सिंह जी ने Advance Life Support Ambulance बोकारो में ला रहे हैं।

अच्छे शिक्षा के व्यवस्था के लिए

स्कूली शिक्षा के बाद बोकारो में कोई आगे की उच्च शिक्षा का संस्थान नहीं है । बोकारो को बिहार झारखंड का शिक्षा एवं शैक्षणिक संस्थानों का केन्द्र बनाया जा सकता था। परन्तु यह शहर हमेशा उपेक्षित रहा। आज यह शहर कराह रहा है । किसी ने इस शहर की तकलीफ़ एवं पीड़ा पर कोई ध्यान नहीं दिया । हालात यह है कि यह शहर अपनी वयस्कता को बिना देखे बुढ़ापा की दहलीज़ पर आकर खड़ी हो गई है। इसलिए हमे बोकारो के शिक्षा व्यवस्था पर भी काम करना हैं

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बीजीएच में ही अगर डॉक्टर ठीक से देखें और रोगी और रोगी के साथ जाने वाले संबंधी अगर वेल्लोर और एम्स में जिस तरह रहते हैं उस तरह बीजीएच के अस्पताल के अंदर रहे तो बहुत हद तक हम एम्स और भलोर की टक्कर दे सकते हैं बीजीएच में भी डॉक्टर एक से बढ़कर एक है लेकिन कोई ढंग से देखता नहीं है अगर यहां पर रोगी ठीक हो तो लोग बाहर ही क्यों जाएं डॉक्टर भी अगर यहां पर थोड़ा सा सहयोग करें तो बोकारो का 10 से 20 परसेंट बेरोजगारी भी दूर हो सकती है रोगी के साथ बहुत सारा रोजगार भी युवाओं को मिलेगा जैसे खाने का रहने का फल का आने जाने का सुविधा इन सभी का मुहैया कराने में बहुत सारे बेरोजगार युवक को रोजगार मिल जाएगा
Bivekanand Singh
PhD (Vinoba Bhave University)
कोई व्यक्ति अगर अच्छा सोच रखता हो तो हमें प्रोत्साहन देना चाहिए पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर सोचना ठीक नहीं है ए जिस तरह से समाज में नेताओं ने जनता को धोखा दे रहे हैं इसलिए लोगों को अब विश्वास नहीं रहा लेकिन वकील साहब पर थोड़ा विश्वास करना चाहिए शायद आपको मालूम नहीं होगा बीजीएच अस्पताल में बैरियर के बगल में जो बड़ा सा प्यूरीफायर पानी काटन की जो बना हुआ है एवं अन्य वकील साहब का ही देन है इनके पिता जी आज ही यहां आते हैं और इस पानी टंकी का अपने खर्चे से देखभाल करते हैं उनके भाई भी हैं बैंक कर्मचारी है वह भी एक सामाजिक दायित्व के तरफ हमेशा इस पानी टंकी का मेंटेनेंस करते हैं यह आपको छोटा काम लगेगा लेकिन सोचिए तब बिजी एच के अंदर पानी अच्छी व्यवस्था ना होने पर यही पानी का टंकी मरीज और मरीज के संबंधियों के लिए आसरा है इसलिए चुकी हूं हम लोग नजदीक से जानते हैं सभी को एक नजर से नहीं देखना चाहिए और एक बात विश्वास करने में कोई हर्ज नहीं है
Raju Shandily
CMC VELLORE (TN) जो भारत का टॉप तीन (three) में आता है। पहली बात वहां के सभी स्टाफ, नर्सेज, डॉक्टर्स समर्पित भाव से कार्य करते हैं। डॉक्टर्स पैसे के पीछे नही भागते। जबकि झारखंड के तमाम डॉक्टर्स का नीजि क्लिनीक, प्रैक्टिस करते हैं फुर्सत/ पार्ट टाइम जॉब में "मेडिका रांची" "मेदांता रांची" में योग्यदान करते हैं। सभी डॉक्टर्स कम से कम 11 बजे के बाद हिं हॉस्पिटल आते हैं। वहां पर जबतक diagnosis नही होता तबतक डॉक्टर्स एक भी दवाई नही देते। जबकि इधर दो दवाई काम के होते है बाद 3-4 दवाई कमीशन के/ अनावश्यक होते हैं। वहाँ दवाइयाँ हॉस्पिटल में रियात दर पर उपलब्ध करा देता हैं। जबकि यहाँ रियात दर पर दवाइयाँ मिलने की कोई संभावना नही दिखता है। CMC अधिकतर नार्थ इंडिया के लोग हिं जाते है। यहां तक कि कोलकाता के अधिकतर मरीज वहाँ पहुँचते रहते है, जबकि कोलकाता में एक से एक हॉस्पिटल उपलब्ध है। पहल सराहनीय है किंतु काम बेहद कठिन। लोगों का सोच बदलना अतिआवश्यक होगा। शुभकामना।।
Dinesh Kumar Pandey
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